Sunday, April 12, 2015

लगता हीं नहीं कि तुम्हे जाने हुए इक साल हुआ है !!!

तुम्हारी झिलमिलाती आँखों में डूब के ये हाल हुआ है,
लगता हीं नहीं कि तुम्हे जाने हुए इक साल हुआ है !!!

शोख़ी तुम्हारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है,
शुरूर तुम्हारे हँसी की मुझपे चढ़ती जा रही है!!!

तुम्हारे जिंदगी में आने से पता चला के प्यार क्या होता है,
तुम्हें गले लगाने से पता चला के प्यार क्या होता है!!!

न होती तुम तो ज़िंदगी यु खूबसूरत न होती,
मेरे लिए तो कोई अजंता की मूरत न होती!!!

तुम नायाब हो ये तो सब जानते हैं,
तुम लाज़वाब हो ये भी सब मानते हैं!!!

पर न देखी होगी किसी ने ये जलपरी सी अदा,
जिसे देख के मैं यूँ खुश होता हूँ सदा!!!

तुम्हारी खनकती हुई हँसी को कैद करना चाहता हूँ,
तुम्हारी पलकों के साये में ताउम्र रहना चाहता हूँ!!!

दूरी लम्बी हैं, हम हमेशा साथ चलेंगे,
एक दुसरे के हाथों में डाले हाथ चलेंगे!!!

गुज़ारिश है तुमसे यूँ हीं मुस्कुराती रहो,
मुझपे नूर अपनी अदा का लुटाती रहो!!!

जो आयी हो तुम मेरी जिंदगी में न जाने के लिए,
तो ऐ मेरी हमदम इसे हर पल यू ही सजाती रहो!!!

लगती दिवाली सी अब मेरी हर एक रात है,
क्युकि  जीत तो हमेशा सोफ़िया के साथ है!!!


1 comment:

  1. Thanks for sharing this wonderful post. i really like your blog.Your written article is simple and pretty. My friend was being the job in Car towing service company. in this time he is working in it company and sometime he writes the poem.

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