मुंबई की वो रात कुछ अनोखी थी,
यहाँ के हवाओ में फैली हुयी शोखी थी।
ताज के महल में नायाब लेखकों का था अनूठा संगम,
बाहर बैंड स्टैंड के किनारे हो रही थी बारिश झम झम।
इंतज़ार हो रहा था भारत के दो अनमोल नगीनो का,
विकास और राजीव दिल लूटने वाले थे यहाँ के हसीनो का।
शाम शुरू हुयी पूनम की हँसी और कुछ प्यारी बातों से,
फिर दो "शूरमाओं" और नए लेखको की मुलाकातों से।
थोड़ी देर के लिए छिड चुका बंद महल में द्वन्द था,
पुरष्कार पाने वाला हर एक ब्लॉगर अक्लमंद था।
हर किसी के मन में चल रही एक दुविधा थी,
इक तरफ लजीज खाना तो दूसरी ओर तकनीक की सुविधा थी।
नोकिया के अभूतपूर्व चमत्कार दिखने शुरू हो चुके थे,
एप्स की गलियों से इंडी ब्लोग्गेर्स के चेहरे खिलने शुरू हो चुके थे।
विकास का कैटवाक किसी मॉडल से कम कहाँ,
पैर रखे उसने यहाँ तो हाथ उसके जाए वहाँ।
राजीव के चुटकुलों से सारा माहौल रंगीन था,
चुटकुले पे दिल खोल के न हँसना जुर्म वहाँ संगीन था।
यूं हीं रात बढती गयी,बात बढ़ती गयी,
हमारे आपस की मुलाक़ात बढती गयी।
आखिर दौर ख़तम हुआ कुछ लज़ीज़ खाने के साथ,
मिलके केक काटने और फोटो खिचाने के साथ।
पांचवी सालगिरह इंडी ब्लोग्गेर्स की कुछ ख़ास थी,
ख़ूबियाँ नोकिया के एप्स की आयी हमे रास थी।
यहाँ के हवाओ में फैली हुयी शोखी थी।
ताज के महल में नायाब लेखकों का था अनूठा संगम,
बाहर बैंड स्टैंड के किनारे हो रही थी बारिश झम झम।
इंतज़ार हो रहा था भारत के दो अनमोल नगीनो का,
विकास और राजीव दिल लूटने वाले थे यहाँ के हसीनो का।
शाम शुरू हुयी पूनम की हँसी और कुछ प्यारी बातों से,
फिर दो "शूरमाओं" और नए लेखको की मुलाकातों से।
थोड़ी देर के लिए छिड चुका बंद महल में द्वन्द था,
पुरष्कार पाने वाला हर एक ब्लॉगर अक्लमंद था।
हर किसी के मन में चल रही एक दुविधा थी,
इक तरफ लजीज खाना तो दूसरी ओर तकनीक की सुविधा थी।
नोकिया के अभूतपूर्व चमत्कार दिखने शुरू हो चुके थे,
एप्स की गलियों से इंडी ब्लोग्गेर्स के चेहरे खिलने शुरू हो चुके थे।
विकास का कैटवाक किसी मॉडल से कम कहाँ,
पैर रखे उसने यहाँ तो हाथ उसके जाए वहाँ।
राजीव के चुटकुलों से सारा माहौल रंगीन था,
चुटकुले पे दिल खोल के न हँसना जुर्म वहाँ संगीन था।
यूं हीं रात बढती गयी,बात बढ़ती गयी,
हमारे आपस की मुलाक़ात बढती गयी।
आखिर दौर ख़तम हुआ कुछ लज़ीज़ खाने के साथ,
मिलके केक काटने और फोटो खिचाने के साथ।
पांचवी सालगिरह इंडी ब्लोग्गेर्स की कुछ ख़ास थी,
ख़ूबियाँ नोकिया के एप्स की आयी हमे रास थी।